न होगा अब कभी म्लान मुख
मिट जायेंगे तेरे सारे दुख
पथ को ही बना लो पाथेय तुम
चलते चलो,
सफलता अवश्य लेगी तुम्हारे कदम चूम
राहें सूनी हैं तो क्या
मंज़िल दूर है तो क्या
खुद का साथ तू कभी न छोड़ना
मुश्किलें चाहें लाखों आयें,
कभी उनसे मुँह न मोड़ना
माना ज़िंदगी है बड़ी ग़मगीन अभी
कोई भी दिया रौशन नहीं
पर उम्मीदों को सदा ज़िंदा रखना
अपने अंदर जो आग है
उसे कभी बुझने न देना
Friday, February 23, 2007
Subscribe to:
Posts (Atom)