एक नई सुबह
सूरज की पीली किरणें
रौशन सारा जहाँ
पर मन में अँधेरे
छनी हुई धुप
पलकों पे प्रलेप
यौवन का दिन एक और
विस्मृत होने को तैयार
सूरज की पीली किरणें
रौशन सारा जहाँ
पर मन में अँधेरे
छनी हुई धुप
पलकों पे प्रलेप
यौवन का दिन एक और
विस्मृत होने को तैयार
पक्षियों का कलरव
पड़ोस में शोर
पर उसकी अंतर्ध्वनि मूक
या फिर अंतरात्मा वधिर
सुबह नयी,
दिन पुराना
जग भी वैसा
वह भी पहले जैसा !
पड़ोस में शोर
पर उसकी अंतर्ध्वनि मूक
या फिर अंतरात्मा वधिर
सुबह नयी,
दिन पुराना
जग भी वैसा
वह भी पहले जैसा !
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